Tuesday, February 5, 2013

कुख्यात शिकारी दरिया गिरफ्तार

कॉर्बेट नॅशनल पार्क के बिजरानी रेंज में 24 मई 2012 को बाघ को पकड़ने के लिए कुछ कड़के बरामद हुए थे। इसके साथ ही यहाँ किसी वन्यजीव की आंते और मांस भी बरामद हुआ था। जिसे उस समय पार्क प्रशासन ने सेही का बताया था। लेकिन मीडिया में लगातार उसे बाघ का बताया जा रहा था। उस मांस को भारतीय वन्य जीव संसथान देहरादून भेजा गया था। बाद में उसकी रिपोर्ट में उसे बाघ/बाघिन का मांस की पुष्टि हुयी थी, लेकिन पार्क प्रशासन तब भी रिपोर्ट नहीं आने का बहाना बनाता रहा। लेकिन पी एफ ए के कार्यकर्ताओं की सक्रियता से इसके बाघ/बाघिन के मांस की पुष्टि की जानकारी जनता को हो पायी। 5 फरवरी को उसके मौत के एक और आरोपी दरिया सिंह को वन विभाग ने पकड़ने में सफलता पायी है। इस पूरे मामले में यह सातवें आरोपी की गिरफ्तारी है। इसमें अभी तक सभी आरोपियों पर पार्क में अवांछित रूप से घुसकर कड़के लगाने का ही मामला दर्ज था। लेकिन अब बाघ को मारकर उसके अंग निकालने व उनकी तस्करी करने का आरोप भी लगाया गया है।


       यह दरिया-2 बागडिया गिरोह का बताया जा रहा है। जिस पर कई राज्यों मसलन उत्तर प्रदेश, बिहार, हरियाणा, मध्यप्रदेश आदि में वन्यजीवों के मामले चल रहे बताये जा रहे हैं। पार्क प्रशासन का कहना है कि बिजरानी के इस मामले में कुल 10 आरोपियों की तलाश है, जिसमे 7 आरोपियों को अब तक पकड़ा जा चुका है, जबकि 2 स्थानीय आरोपियों सहित एक महिला आरोपी की तलाश जारी है।

       दरिया को वनकर्मियों ने रामनगर में गुलरघट्टी के पास कोसी नदी किनारे घूमते हुए पकड़ा है।बिजरानी के इस पूरे मामले में कॉर्बेट प्रशासन की काफी किरकिरी हो चुकी है। आशा करनी चाहिए की दरिया को पकड़ने के बाद पार्क प्रशासन और वनकर्मियों के हौंसले कुछ बढे होंगे, बीती घटनाओ से सबक लेकर वह जनता और मीडिया को गुमराह करने के स्थान पर वन्यजीव सुरक्षा पर अपने को एकाग्र कर सकेगी। जिससे बाघ और उसके वास स्थल को सहेजा जा सके। इस बारे में नीचे दिए गए शीर्षक से भी जानकारी इस ब्लॉग पर है

शिकार और शिकारी कॉर्बेट लेण्ड स्केप में बाघ आफत में



1 comment:

  1. शिकरियो पर लगाम लगाना जरुरी है, इनके लिए कड़ी सजा का प्रावधान होना चाहिए।

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