Friday, October 19, 2012

पर्यटकों के लिए कल से खुलेगा कॉर्बेट पार्क

     सुप्रीम कोर्ट के 16 अक्टूबर को टायगर रिजर्व में पर्यटन पर लगी रोक को हटाने के बाद अब कॉर्बेट पार्क भी खुलने जा रहा है। शनिवार 20 अक्टूबर से पार्क के बिजरानी और झिरना जोन को सैलानियों के लिए खोल दिया जाएगा। यानी अब फिर से लोग प्रकृति के बीच स्वछन्द रूप से विचरण करते वन्यजीवों की दुनिया को निहार सकेंगे। यह खबर जहाँ पर्यटन से जुड़े लोगो के लिए शुकून देने वाली है। वहीँ इस खबर के बाद से वन्यजीवन के बारे में जानने की चाहत रखने वाले भी खुश हैं।
       पार्क का बिजरानी जोन यूं तो 15 अक्टूबर से पर्यटकों के लिए खोल दिया जाता था। लेकिन इस बार यह तय समय में नहीं खुल सका। साथ ही पार्क का झिरना जोन साल भर खुला रहता है। यह भी इस दौरान बंद रहा। पार्क का ढिकाला जोन 15 नवम्बर से पर्यटकों के लिए खोला जाता है। देश में बाघों के लिए बनाये गए इन रिजर्व का काम बाघ और उसके पर्यावास के संरक्षण का है। इसमें पर्यटन इनके प्रति लोगो को जागरूक करने और उनके बारे में जानकारी जुटाने के लिए होना चाहिए था। आशा करनी चाहिए की अब होने वाले पर्यटन में लोग देश के न्यायालय की भावना का सम्मान करते हुए पर्यटन को अंजाम देंगे। गाइड लाइनों का पालन करते हुए जिम्मेदार पर्यटन कर देश में एक मिसाल  कायम करेंगे। जिससे की हमारी यह अमूल्य धरोहर हमारी पीढ़ियों के लिए भी सुरक्षित रह सके।
 
                                                               कॉर्बेट में बढ़ा बाघों का कुनबा

       कॉर्बेट टायगर रिजर्व में फेज 4 की गणना में बाघों की बढ़ोतरी हुयी है। बताया जा रहा है की टायगर रिजर्व  के 1288 वर्ग किलोमीटर क्षेत्र में हुयी। इस गणना के मुताबिक यहाँ 170 से 198 बाघ मौजूद हैं। एन टी सी ए के निर्देश पर अब हर वर्ष बाघों की गणना टायगर रिजर्व द्वारा खुद ही करायी जाएगी। इस वर्ष यहाँ भारतीय वन्यजीव संस्थान ने इस गणना को कैमरा ट्रेप विधि से किया है। जिसमे 229 कैमरा लगाये गए थे। इसमें 2 साल से छोटे शावक शामिल नहीं हैं। साथ में चार साल में एन टी सी ए द्वारा भी पहले की तरह गणना करायी जाती रहेगी। ऐसे में बाघों की तादाद का बढ़ना जहाँ उत्साहजनक है, वहीँ बाघों की सुरक्षा भी किसी चुनौती से कम नहीं। आशा है बाघों के बढ़ रहे इस कुनबे को वन महकमा महफूज रखने में कामयाब होगा।

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