Tuesday, July 24, 2012

कोर जोन में पर्यटन बंद

देश के 40 टायगर रिजर्वों के कोर ज़ोन में चल रही पर्यटन गतिविधियों पर मंगलवार को सुप्रीम कोर्ट ने अंतिम फैसले तक रोक लगा दी है। एक जन हित याचिका की सुनवाई के दौरान कोर्ट ने यह आदेश दिया है। यह जनहित याचिका भोपाल की एक स्वयंसेवी संस्था प्रयत्न ने दाखिल की है। स्वयंसेवी संस्था ने पर्यटन को कोर जोन से हटा कर बफर जोन में करने की मांग की है।  इस तरह से देश के टायगर रिजर्व में चल रहे पर्यटन पर इसका असर पड़ेगा। सका सीधा असर कॉर्बेट के पर्यटन पर भी पड़ना तय है। जिसको लेकर पर्यटन ब्यावसयियों में अनिश्चितता का माहौल बना हुआ है। पर्यटन के कारोबार से जुड़े लोगों का कहना है कि कोर्ट के इस आदेश के बाद यदि फैसला भी यथावत बना रहा तो पर्यटन से जुड़े लोग बड़ी मुश्किल में आ जायेंगे। पार्क प्रशासन से इस बात की जानकारी लेने के लिए यह लोग पार्क कार्यालय के चक्कर लगते रहे। एक पर्यटन ब्यावसाई ने कहा कि कोर्ट के इस फैसले से कॉर्बेट का मुख्य पर्यटन जोन ढिकाला और बिजरानी प्रभावित होंगे। दूसरी और पार्क प्रशासन ने पूरे मामले में आदेश की प्रति उपलब्ध न हो पाने के कारन कुछ भी बताने से इनकार कर दिया। 
                                               बाघ फिर शिकारियों के निशाने पर 
         तराई पश्चिमी वन प्रभाग के बन्नाखेडा रेंज में रविवार को मिले बाघ के शव में 64 चोट के निशान पाए गए। इसकी पैर और गर्दन की हड्डी टूटी हुयी थी। गर्दन में किसी नुकीली चीज से प्रहार किया गया है। इसके शरीर से छर्रे भी बरामद हुए हैं।वन विभाग इसे पहले आपसी संघर्ष में मौत बता रहा था। लेकिन अब वह इसके हर पहलू के जाच की बात करने लगा है।
                                                फोटो साभार पूरन गोस्वामी

                                                बाघ ने बनाया अपना शिकार
    कॉर्बेट पार्क में एक दैनिक श्रमिक दीवानी राम बाघ का शिकार हो गया है। घटना रविवार शाम की है जब सर्पदुली रेंज के बार्सोती स्रोत से एक वन कर्मी गायब हो गया. उसके बाद रात से ही उसे ढूढने के लिए प्रयास किया गया। लेकिन उसके शव के अवशेष सोमवार को ही बरामद हो सके।

No comments:

Post a Comment