Wednesday, November 24, 2010

घायल बाघ बरामद

कॉर्बेट नॅशनल पार्क के आस-पास के बाघों की मुसीबतें हैं क़ि कम होने का नाम ही नहीं ले रही हैं. एक-एक बाद एक बाघ किसी ना किसी मुश्किल में पड़ते नज़र आ रहे हैं. इस साल के आगमन से पहले बाघों की मौत फिर नए साल में बाघों की मौत के बाद बाघों का मानव से संघर्ष. अब आज एक बाघ फिर मुश्किल में घिर आया है.



 २४ नवम्बर को तराई पश्चिमी वन प्रभाग को सूचना मिली क़ि उनके क्षेत्र में एक बाघ घायल पड़ा हुआ है. सूचना से विभाग में हडकंप मच गया. आनन-फानन में घटनास्थल की ओर विभाग के उच्चाधिकारी दौड़ पड़े. वहां जाने पर पता चला क़ि एक वयस्क बाघ घायल पड़ा हुआ है. जो क़ि गढ़ी नेगी के पास आबादी के करीब ही है. विभाग को पहली नज़र में ही यह मामला बाघ की किसी वन्यजीव (वाईल्ड बोर) से संघर्ष का नज़र आया. क्यूंकि घटनास्थल के पास ही उन्हें संघर्ष के कुछ सबूत मिले हैं. देर रात तक वन विभाग ने उस बाघ को बेहोश कर उस पर काबू पा लिया. और अब विभाग के एस डी ओ रंगनाथ पाण्डेय का कहना है क़ि बाघ का  किसी वन्यजीव से ही संघर्ष हुआ है. जिस कारण बाघ घायल हुआ है. अलबत्ता उसे अब उपचार के लिए पंतनगर ले जाये जाने या नैनीताल जू में भेजे जाने पर विचार चल रहा है. फिर भी आबादी के निकट होने के कारण वन महकमा इसके घायल होने की कुछ और जाँच-पड़ताल कर सकता है.
       लेखक विनोद पपने, नगर के वरिष्ठ पत्रकार हैं.

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