Tuesday, August 24, 2010

margdarshan kee apeksha ke sath..........

Comment by Rajinder Katoch on August 18, 2010 at 4:50pm

 Dear Govind ji,
God has created the whole system in a manner that every living being is assigned his/her/its duty. The duty of crows and vultures are of scavengers. According to a study, the use of a drug called Diclofenac is the reason of vultures deaths. Cattle are given this drug through IV and when cattle die, vultures eat them and since the drug remain in kidney and liver, it affects the vultures also.According to me, this is not the sole reason. There are other reasons too. If you see we do not see small sparrows. The reason is the presence of pesticides in our environment. There are lakhs and lakhs of cars, combined with growing garbage ground and increasing temperature in cities are some reasons which is leading to the deaths of birds. Jungles have been destroyed to make townships. We often hear that a python came out, or a leapord entered the society in Mumbai. The over use of sprays by Industries, the polluted water etc is the root cause of vultures deaths.
बहुत अच्छा लगा जब श्री राजेंद्र जी का उपरोक्त कमेन्ट मीडिया क्लब में मेरे लेख पर प्राप्त हुआ. मेरा इस ब्लॉग को शुरू करने का मकसद यही है क़ि तेज़ी से बिगड़ रहे पर्यावरण के प्रति मै लोगों को जागरूक कर सकूं. मै बहुत ज्यादा इस विषय में नहीं जानता लेकिन विगत तीन वर्षों में मैंने जो भी यहाँ जाना और सीखा है उससे मेरे मन में भी पर्यावरण को बचाने के लिए कुछ करने की प्रेरणा मिली तो इसी मकसद को लेकर मैंने यह ब्लॉग शुरू किया. हो सकता है क़ि बहुत से लोगों को यह नीरस विषय लगता हो.मेरे इस ब्लॉग को मेरे मित्रों द्वारा देखा जा रहा है इसके लिए मै उनका आभारी हूँ. लेकिन इस ब्लॉग में लिखी जा रही सामग्री पर मुझे उनके मार्गदर्शन की भी आवश्यकता है. इसके लिए वह इसमे कमेन्ट कर लिख सकते हैं. साथ ही वह इस ब्लॉग में लिख कर भी पर्यावरण को बचाने क़ि दिशा में लोगों को जागरूक करने में अपना योगदान इस ब्लॉग के माध्यम से भी दे.क्यूंकि  मै  रामनगर जैसे जैव विविधतता वाले क्षेत्र  में हूँ और यहाँ मेरे सभी मित्र पर्यावरण बचाने के लिए अपना अमूल्य योगदान किसी ना किसी रूप में देते रहते हैं.  इस बीच स्वास्थ्य कुछ ठीक ना हो पाने के कारण में अपने इस ब्लॉग में लिख नहीं पाया इसके लिए मै आपसे माफ़ी चाहता हूँ. गिद्धों के बारे में चर्चा अपने अगले लेख में करूँगा.
       

  इस बीच में १८ अगस्त को रामनगर वन प्रभाग के कालाढूंगी रेंज में एक और बाघ का शव मिला यह शव एक बरसाती नाले में बहता हुआ आया था. जिस कारण वह बहुत ज्यादा सडा गला था. इसकी मौत का कोई स्पष्ट कारण नहीं मिल सका है. हाँ उसे एक मेल टायगर जरूर बताया गया है. इसी दौरान १९ अगस्त को कॉर्बेट नेशनल पार्क के ढेला रेंज में  एक तेंदुआ का शव भी प्राप्त हुआ है. हर बार की तरह से इस बार भी उसे आपसी संघर्ष में मरा हुआ बताया गया. लेकिन इस बार इस मादा तेंदुआ क़ि मौत बाघ के हाथों बतायी गयी है.

1 comment:

  1. veri good wwf ki workshop men mili technical guideline ka asar dekhne ko mila
    with rigards
    nadan bisht
    kyari
    ramnagar
    9917267854

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