Tuesday, August 17, 2010

vulture

वल्चर यानि गिद्ध प्रकृति के स्वच्छक के रूप में जाने जाते हैं. यह उसी जटायु के वंशज है जिसे हम रामायण काल से जानते हैं. जिससे मेरा परिचय बचपन से रामायण पढ़ने और रामलीला देखने के बाद हुआ. तब मैंने जाना क़ि यह जटायु एक गिद्ध था. जो सीता हरण के समय उन्हें बचाने के लिए दस सिर वाले रावन से जा भिड़ा. और उसने अपने प्राणों की परवाह ना करते हुए रावन से लोहा लिया था. राम और लक्ष्मण जब सीता को खोज रहे थे. तो उन्हें घायल जटायु मिला. जिसने उन्हें बताया की रावन सीताजी को उठा कर ले गया है. और रावन से लड़ते हुए ही उसकी यह गत बनी है. तब पहली बार श्री राम को यह पता चला था क़ि रावन ने माता सीता का हरण किया है. जटायु के यह वंशज आदिकाल से ही प्रकृति की सेवा करते आ रहे हैं. लेकिन आज के दौर में यह मानव भूलों के चलते विलुप्ति की कगार में पहुँच गए हैं. कभी भारत के आसमान में यह लाखों की संख्या में परवाज़ करते नज़र आते थे. लेकिन अब तो बात यहाँ तक बिगड़ चुकी है क़ि इसे देखने को आँखें तरस जाती हैं. जिन्हें कभी मृत जीव के शव के पास झुंडों में मंडराते हुए देखा जा सकता था. लेकिन अब मवेशियों के शव तो सड़ते हुए नज़र आते हैं पर उनपर गिद्ध नहीं मंडराते. मानव ने ऐसी क्या भूल की क़ि आज यह आसमां से गायब होते जा रहे हैं. इसका मुख्य कारण है डेक्लोफ़िनक दवा. जिसे हम अपने बीमार पशु को इलाज़ के दौरान देते हैं. इस दवा के सेवन करने के बाद यदि किसी पशु की मौत हो जाती है तो उसे हम फेंक देते हैं. और यहाँ से काम शुरू होता है प्रकृति के स्वच्छ्कों का जो इसे खाकर अपनी भूख शांत करते हैं. पर अब यह इनकी भूख तो कुछ क्षणों के लिए ही शांत करता  है लेकिन इनकी जिंदगी को हमेशा के लिए शांत कर देता है. मवेशी को दी गयी इस दवा का असर गिद्धों में बहुत तेज़ी से होते हुए देखा गया है. जैसे ही यह इस शव को खाते हैं इसका असर इनके गुर्दों में होने लगता है. जिससे इनके गुर्दे काम करना बंद कर देते हैं. और प्रकृति के यह स्वच्छक कुछ ही दिनों में अपना दम तोड़ देते हैं.  जारी...........................

1 comment:

  1. aksar manav vikas ki doud me apna hi nuksan karta hai. jo giddh kbi mare hui janwar ko khaker safai ke rup me apna yogdan dete the.un giddho ko aaj log dekhne ko taras jate hai. jis karan mara hua janwar sadta rehta hai. aur usse bimari felne ka khatra rahta hai. aaj jarurat hai janta ko jagruk kar enhe bachane ki. kahi esa na ho ke enki andekhi perkarti ke vinas ka karan ban jaye.. jaago.....

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