Thursday, February 7, 2013

इको सेंसेटिव जोन

          कॉर्बेट नॅशनल पार्क के बिजरानी रेंज में हुए बाघ के शिकार का एक और आरोपी वन विभाग के हत्थे चढ़ गया है। आरोपी रियासत उर्फ़ मलखान को वन कर्मियों ने रामनगर के भवानीगंज से गिरफतार किया है। यह आरोपी रामनगर का ही रहने वाला है। इस पर मई 2012 में बाघ के शिकार के साथ ही इसी साल जून में पार्क में घुसपैठ का भी आरोप है। स्थानीय लोगो की बाघ के शिकार में संलिप्तता से पार्क प्रशासन के होश उड़े हुए हैं। वह अब इससे मिली जानकारियों की पड़ताल में लगा हुआ है। इसके गिरफ्तारी के बाद अब तक इस मामले में 8 आरोपी पकड़ में आ चुके हैं।



             कॉर्बेट टायगर रिजर्व के आस-पास के क्षेत्र में इन दिनों इको सेंसेटिव जोन बनाने की कवायद भी चल रही है। इसके लागू हो जाने के बाद यहाँ टायगर रिजर्व की सीमा के बाहर कई तरह के नियम लागू हो जायेंगे। जिसमे जमीन खरीद-फरोख्त, निर्माण कार्यों समेत विभिन्न क्षेत्रों में इसके प्रभाव देखने को मिलेंगे। इस कवायद का विरोध भी क्षेत्र के लोगों ने शुरू कर दिया है। इसके चलते नैनीताल,  अल्मोड़ा और पौड़ी जिले के क्षेत्र प्रभावित होंगे। इस सम्बन्ध में इन जिलो के अधिकारियों की एक बैठक में कॉर्बेट निदेशक के साथ 4 फरवरी को हुयी थी। 7 फरवरी को इसके विरोध में जहाँ भाजपा कार्यकर्ताओं ने ग्रामीण जनता के साथ मिलकर कॉर्बेट निदेशक कार्यालय में प्रदर्शन किया। वहीँ दूसरी ओर नगर में एक सर्वदलीय बैठक का  भी आयोजन किया गया। बैठक में वक्ताओं का कहना था कि संरक्षण के नाम पर केंद्र सरकार प्रदेश की जनता पर काला क़ानून थोप रही है। वन अधिनियमों के कारण प्रदेश में विकास कार्य पहले से ही ठप पड़े हैं, वहीँ सरकार के इस कानून से तो लोगों का जीना भी दूभर हो जाएगा। उनका कहना है की उत्तराखंड ही देश का ऐसा प्रदेश है जहाँ 21 प्रतिशत रिजर्व फारेस्ट पहले से ही घोषित है। इस बैठक में वक्ताओं के सुर से साफ़ जाहिर हो रहा था की फिलहाल तो इस नियम का यहाँ स्वागत तो होने नहीं ही जा रहा है।

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