Saturday, July 16, 2011

होग डियर (पाड़ा)

इस ब्लॉग में हम कॉर्बेट पार्क और उसके आस-पास के जंगलों में पाई जाने वाले जीव-जंतुओं के बारे में बताने का प्रयास करेंगे. यह जानकारी हम विभिन्न लोगों से जुटाने का प्रयास कर रहे हैं. यह जानकारी लोगों के अनुभव के आधार पर, और विभिन्न स्रोतों से ली गयी है, लेकिन इन जीव जंतुओं के बारे में लिखी इस जानकारी के प्रमाणिक होने का दावा हम नहीं कर रहे हैं. हमारी आपको सलाह है क़ि प्रमाणिकता के लिए आप प्रमाणिक पुस्तकों का अध्ययन अवश्य करे.  इस कड़ी में सबसे पहले हम हिरनों की बात करते हैं, जिसमे सबसे पहले बारी है होग डीयर की.......
Hog Deer (Axis porcinus )  एक हिरन की प्रजाति है.  Hog Deer  कॉर्बेट पार्क में पाई जाने वाली 4 हिरन की प्रजातियों में से आकार में तीसरी बड़ी प्रजाति है. कॉर्बेट पार्क में हिरनों की 4  प्रजातियाँ पाई जाती हैं - spotted deer  (चीतल), sambar  deer  (साम्भर), Hog Deer (पाड़ा) तथा barking deer (काकड़). कॉर्बेट पार्क में  - spotted deer  (चीतल) sambar deer  (साम्भर) सर्वाधिक संख्या में मिलते हैं जबकि Hog  deer (pada) तथा barking deer (काकड़) उससे काफी कम संख्या में पाए जाते हैं. Hog Deer की आवादी कॉर्बेट पार्क में सबसे कम है तथा ये ढिकाला चौड में देखे जा सकते हैं.


Hog Deer (पाड़ा) को यह नाम इसके चलने की आदत के कारण मिला, Hog Deer अपना सिर किसी Hog (सुवर) की तरह नीचे कर के चलता है. Hog Deer की कंधो पर उचाई लगभग २ फिट  होती हें तथा इसका वजन 40  से 50 किलोग्राम होता है. इनका गर्भकाल छह महीने का होता है तथा इनकी आयु 15  से 20  वर्ष की होती है. अवयस्क हिरनों में चीतल की तरह छोटे छोटे धब्बे होते है परन्तु धीरे धीरे ये धब्बे गायब हो जाते है. इनकी एक खास पहचान है इनकी पूंछ जो की काफी सफ़ेद होती है. कोई खतरा होने पर ये अपनी पूंछ को उठा कर खतरे का संकेत देते है.

Hog Deer मुख्य रूप से घास के मैदानों में पाया जाता है तथा ये छोटे झुंडों में रहते है. अन्य हिरनों की तरह ही Hog Deer के नर में ही antlers पाए जाते हैं मादा में नहीं. ये नर इन antlers को वर्ष में एक बार गिरा देते हैं तथा ये पुनः उग जाते हैं. इनको मुख्य खतरा बाघ तथा गुलदार से होता है. खतरा होने पर ये एक दिशा में भागने के बजाय अलग अलग दिशा में भागते हैं.

यद्यपि इनको शिकारियों से ज्यादा खतरा नहीं है परन्तु मनुष्य द्वारा लगातार बढ़ रहे पर्यावरण के ऊपर दबाव के कारण इनके मुख्य प्राकृतिक आवास घट रहे हें. इसका सीधा असर इनकी आबादी पर पड़ रहा है. वैसे पार्क प्रशासन यहाँ इनकी संख्या बढ़ाने के लिए प्रयास कर रहा है. जिसके लिए यहाँ इनके प्रजनन के लिए एक बड़ा बनाने पर भी विचार किया जा रहा है.

                                 लेखक संजय छिम्वाल वन्यजीव प्रेमी हैं

2 comments:

  1. Good writeup. Would have been great if you could also had discussed about their old habitats submersed in Ram Sagar Dam (Kalagarh Dam) like Boksar Chaur etc.

    One important fact to share with you all is recently I saw few Hog deers in between Kashipur and Bajpur the reverine habiat of Kosi. Infact one Hog deer was found in captivity in Kashipur samsaan ghat few days back which I informed DFO , Terai West and asked him to release it or take it to any Zoo. This Hog Deer was in captivity since last 4-5 years.

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  2. KD ji thanks for information.

    The hog deer is still captive ?

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