Saturday, November 13, 2010

हमलावर आदमखोर घोषित

कॉर्बेट प्रशासन ने आखिरकार महिला को मारने वाले बाघ को आदमखोर घोषित कर ही दिया. अभी कॉर्बेट प्रशासन ने ही इसे आदमखोर घोषित किया है. प्रदेश के मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक के आदेश आने अभी शेष हैं. कॉर्बेट प्रशासन ने तो १२ नवम्बर को ही इसे पकड़ने के लिए पिंजरा लगा दिया था. लेकिन अब इसे पकड़ने की कवायद और तेज़ की जायेगी. इसके पकड़ने के लिए दूसरे पिंजरे को कालागढ़ से मंगाया जा रहा है. इस बीच मानव वन्यजीव संघर्ष की घटनाओ में बढ़ोतरी देखी जा रही है. इसका कारण भले ही मानव हो लेकिन इसकी सजा तो बेजुबान को ही भुगतनी पड़ेगी. ग्रामीण तो कल से ही उसे मारने की मांग कर रहे हैं. इससे पहले ५ फरवरी २०१० को एक बाघ ने ढिकुली में मोर्निंग वाक पर गए तीन युवकों पर हमला कर दिया था. जिसमे एक युवक को वह खींच कर ले जा रहा था क़ि साथ गए दोनों युवको ने हिम्मत का परिचय देते हुए उसके जबड़ों से अपने साथी को बाहर निकाल लिया. इसके अलावा ६ फरवरी २०१० को गार्जिया की एक महिला का क्षत-विक्षत शव भी सर्पदुली रेंज की गार्जिया बीट से ही बरामद हुआ था. जिसे उस वक्त बाघ या तेंदुवे में से किसी के द्वारा मारे जाने की बात की गयी थी.
   वन्य जीवो के हिंसक होने का दौर अभी जारी है. यह जीव हमेशा से हिंसक रहे हैं यह तो हर कोई जानता है, लेकिन कभी भी यह जीव मानव के प्रति इतने हिंसक नहीं रहे. बढती मानव आबादी के चलते जंगलों का सीमित होता आकार भी इसके लिए जिम्मेदार है. देश में मानव ने अपनी आबादी तो एक अरब के पार पहुंचा दी लेकिन वह अन्य जीवों की आबादी के आड़े आ गया है. जिसके चलते इस तरह के संघर्षों में कमी आने की संभावना बहुत कम ही है.

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