Sunday, October 10, 2010

एड्स की दवा का दावा


आज वन्यजीवों से हटकर एक मानव जीवन के लिए समाचार दे रहा हूँ.क्योंकि मुझे लगता है क़ि यह समाचार कई अँधेरे में जी रहे लोगों को रोशनी दे सकता है. यह समाचार एक प्रेस वार्ता का है. हो सकता है क़ि इसमे जो दावे किये जा रहे हो, वो उतने सटीक ना हो, फिर भी मुझे लगता है, क़ि यह जानकारी मै आप लोगो के साथ बांटू.
          समाचार लीवर और एड्स के मरीजों के लिएहै. रामनगर की एक आयुर्वेदिक फार्मसुतिकल कम्पनी ने एक दवा को पेटेंट कराया है. उसका दावा है क़ि यह दवा लीवर और एड्स दोनों में कारगर साबित हो रही है. जैसा क़ि आप जानते ही हैं क़ि एड्स को अब तक लाइलाज बीमारी माना जाता रहा है. इस कम्पनी का दावा है क़ि उसकी इस दवा से एच आई वी का वाईरस निष्क्रिय हो जाता है. और मानव एच आई वी पोजेटिव रहते हुए एड्स की बीमारी से छुटकारा पा लेता है. इसकी पुष्टि के लिए वहां पर एक एच आई वी पोजेटिव मरीज भी था. जो उड़ीसा से आया था. उसने कहा क़ि वो पिछले १० सालों से इस वाईरस से पीड़ित है. उसका वजन २००७ में ४९ के जी हो गया था, और तब उसने २००७ से  इस दवा का सेवन शुरू किया. तब से उसके वजन में ३२ के जी की वृद्धि हुयी है. और अब उसका वजन ७१ किलोग्राम है. उसने कहा क़ि उसके हिमोग्लोबिन के परसेंटेज में भी वृद्धि हुयी है. यदि यह दवा इतनी कारगर है तो एड्स रोगियों के लिए यह वरदान साबित हो सकती है.
     इसके अलावा इस कम्पनी ने लीवर के बारे में बताया क़ि यह दवा लीवर में भी रामबाण साबित हुयी है. इसके सेवन से कई लीवर के मरीजों को लाभ हुआ है. एक दवा से कई बिमारियों को ठीक करने का यह दावा कितना सही है, यह तो मुझे नहीं पता. लेकिन यदि किया गया दावा सही है तो यह कई लोगों को जीवन दान दे सकता है.
 
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