Saturday, September 4, 2010

प्रशिक्षण

 कॉर्बेट टायगर रिजर्व में सरीसर्पों को लेकर वन विभाग के कर्मचारियों के लिए एक दिवसीय प्रशिक्षण दिया गया. इस प्रशिक्षण का मकसद वन कर्मियों को सरीस्रपों की पर्यावरण में भूमिका और उसके रेस्क्यू के जानकारी दी गयी. इस ट्रेनिंग के जरिये वन कर्मियों को सरीसर्पों की विभिन्न प्रजातियों की जानकारी के साथ ही इनके बारे में भी जानकारी दी गयी. कॉर्बेट में हुए इस प्रशिक्षण में वन कर्मियों को बताया गया क़ि बाघ और हाथी जैसे जानवरों के साथ ही सरीसर्पों की भी एक दुनिया है. पर्यावरण में उनकी भी उतनी ही भूमिका है जितनी की बड़े जानवरों की. यहाँ सरीसर्पों की विभिन्न प्रजातियों मसलन कछुआ, मगरमच्छ, घड़ियाल और सापों के बारे में जानकारी दी गयी. और इनपर मंडरा रहे खतरों की जानकारी के साथ ही इनके मुश्किल में पड़े होने की दशा में इन्हें बचाने के तरीकों की जानकारी से रुबरु कराया गया. इस ट्रेनिंग में सांपो की जहरीली प्रजातियों के साथ ही बिना जहर वाले सांपो की जानकारी भी दी गयी. इस दौरान वन कर्मियों को सापों को रेस्क्यू करते समय बरती जाने वाली सावधानियों से भी आगाह किया गया. यहाँ बताया गया क़ि  मुख्य रूप से सापों की तीन जहरीली प्रजातियाँ पायी जाती हैं. जिनमे प्रमुख हैं कोबरा, वायपर और करेत. यह पूरी ट्रेनिंग कॉर्बेट के पशु चिकित्सक डॉ सत्यप्रिय गौतम भल्ला ने दी. उन्होंने स्लाईड शो के द्वारा इनके काटने से बने निशानों की भी जानकारी दी. जहरीले साँपों के विष दन्त लम्बे होते हैं. जिससे इनके काटने पर दोनों तरफ दो गहरे निशान हो जाते हैं. स्लाएड शो के इस फोटो को हम यहाँ अपने पाठको के लिए प्रदर्शित भी कर रहे हैं. उन्होंने कहा क़ि सांप के काटे जाने पर अपने आप पर काबू रखे व अपने उपर घबराहट हावी ना होने दे. घबराने से बी पी बढ़ जाता है और खून का दौरा भी तेज़ हो जाता है. जिससे शरीर में जहर तेज़ी से असर करता है. अतः रोगी को शांत रहने की सलाह दे. और उसका हौसला बढ़ाएं.
     

सावधान:  शानदार पर जहरीला करेत

ऊपर से कोबरा, करेत,  वायपर के (तीनो जहरीले) काटने से बने निशान, और बिना जहर वाले सांप के काटने के निशान (दाहिने कोने में), ऐसे निशान तब बनते हैं जब सांप को आराम से काटने का मौका मिलता है  

        ट्रेनिंग के दौरान फ़ील्ड में भी सांपो की ट्रेनिंग दी गयी. जिसमे सर्प प्रेमी चन्द्रसेन कश्यप द्वारा पकडे गए सांपो को दिखाया गया, और इन साँपों को पकड़ने की जानकारी भी दी गयी. इस दौरान चंद्रसेन ने कोबरा करेत और पदम् जैसे जहरीले सापों को भी प्रदर्शित किया. जिन्हें ट्रेनिंग के बाद सुरक्षित जंगल में छोड़ दिया गया.

2 comments:

  1. sir, jankari ke liye bhaut bahut dhanywad. blog to kai logon ne shuru kiye hain. par usme ya to ruteen ki khaber hoti hai, ya sampradayik hi hote hai. aapke blog me ek sandesh hai. vanya jeevo ko lekar aapke es blog ko padh kar lagta hai ki aap vaakaei vany jeev sanrakshan me lage hain.

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