कॉर्बेट और उसके आस-पास के वन क्षेत्र में बाघों की मौत का सिलसिला जारी है. सोमवार शाम को घायल मिले वनराज ने यहाँ मंगलवार शाम को बिना किसी इलाज के दम तोड़ दिया. हमारा वन महकमा जब तक उसे कोई मदद दे पाता उससे पहले ही वह चल बसा. ऐसा नहीं की वन महकमे को उसके इलाज का वक्त न मिला हो. लेकिन प्रशिक्षण का अभाव व संसाधनों के टोटे के चलते वह इसकी कोई मदद नहीं कर पाया, बस बेबस लाचार सा देखता रहा. घटना रामनगर वन प्रभाग के कोटा रेंज के रामपुर वन ग्राम के पास की है. मृतक बाघ की उम्र ८-१० साल बताई जा रही है.............
इस बाघ की मौत के साथ कॉर्बेट और आस-पास के वन क्षेत्रों में पांच महीनो में दस बाघों की मौत हो चुकी है. यानि बाघों के मरने के हर माह का औसत २ का है. जबकि पूरे देश ने इन पांच महीनो में २७ बाघों को खोया है
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